हे लौह पुरुष बल्लभ
हे लौह पुरुष! बल्लभ तुम
भारत मां के सच्चे बेटे थे।
आजाद हुआ था देश जब
खंड-खंड में राज्य बिखरे थे
विलय कर ५६२ रियासतों का
*लौह पुरुष* तुम कहलाए थे
कुछ मीठा कुछ कड़वा बोल
सबको भारत में तुम समेटे थे
हे लौह पुरुष! बल्लभ तुम
भारत मां के सच्चे बेटे थे।
निज़ाम हैदराबाद और जूनागढ़
घमंड था जिनको अपने ऊपर
मर्दन किया घमंड को उनके
झुका कर उनको घुटने पर
साकार किए संकल्प तुमने
ठान भी जो तुम लेते थे
हे लौह पुरुष! बल्लभ तुम
भारत मां के सच्चे बेटे थे।
बारदौली सत्याग्रह १९२८ में
किसानों को तुम न्याय दिलाए थे
विभूषित किया मातृशक्ति ने तुमको
*सरदार बल्लभ* फिर कहलाए थे।
आजादी के आंदोलन में तुम
गांधी जी का खूब संग देते थे
हे लौह पुरुष! बल्लभ तुम
भारत मां के सच्चे बेटे थे।
आजादी पर प्रथम प्रधानमंत्री
दौड़ में तुम सबसे आगे थे
गांधी जी के कहने पर देश हित
पग तुमने अपने पीछे खींचे थे
बनकर देश के प्रथम गृहमंत्री
मजबूत सूत्र में देश को गूंथे थे
हे लौह पुरुष! बल्लभ तुम
भारत मां के सच्चे बेटे थे।
धन्य हो तुम हे मां के बल्लभ!
जो तुमने भारत में जन्म लिया
खंड-खंड को अखंड बना कर
मां के ऋण से खुद को उऋण किया
कहां पाई ऐसी लौह सी शक्ति
कैसे ये सब तुम कर लेते थे
हे लौह पुरुष! बल्लभ तुम
भारत मां के सच्चे बेटे थे।
✍️ पी एल सेमवाल
एक पूर्व सैनिक व पूर्व शिक्षक
मसरास, नैनबाग, टिहरी गढ़वाल
उत्तराखंड
🙏🇳🇪 जय हिन्द 🇮🇳🙏