*त्यौहारों का देश भारत*
त्यौहारों का देश हमारा
मिलकर त्यौहार मनाते हैं,
परम्पराओं का देश भारत
आओ इसकी झलक दिखलाते हैं।।
ईद, क्रिसमस, होली हो
बैसाखी हो या दिवाली,
त्यौहार हैं ये सब अनूठे
लाते हैं जो खुशहाली ।।
लाते हैं ये खुशहाली
खुशियाँ भर देते तन-मन में,
देश-प्रेम- भ्रातृभाव जो
भर देते हैं जन-जन में ।।
ईद-सिमई इतनी मिट्ठी
फीकी पड़ जाए शक्कर भी,
प्यार-मोहब्बत-भ्रातृभाव से
खाएं जब मिलकर सभी ।।
होली का इंद्रधनुषी रंग
हरा, गुलाबी हो या फिर लाल,
प्रेम के रंग में रंग दे सबको
बृद्ध, जवाँ हो या फिर बाल।।
दीवाली का क्या कहना
खुशियों से घर हो उजियारा,
प्रेमभाव भर दे इतना कि
राग-द्वेष मिट जाए सारा ।।
शरद् ऋतु लेकर आती क्रिसमस
जन-जन में होता जोश अपार,
सर्दी की ठिठुरन में भी सान्ता
दे जाते खुशियों के उपहार ।।
बैसाखी में होती बल्ले-बल्ले
गिद्दे-भंगड़े में दिखते जलवे,
नाच-नाच खुशी-खुशी में
दूर हो जाते गिले-शिकवे ।।
देख दुनिया होती अचम्भित,
जब मिलकर हम त्यौहार मनाते,
अनेकता में एकता देख
सब भारत-भारती के गुण गाते ।।
आओ भारत की भारती में
हम सब ऐसे मिल जाएं ,
कौन किस धर्म-जाति का,
कभी कोई हमें ढूंढ न पाए।।
भारत की भारती क्या है?
आओ विश्व को दिखा दें,
जीना आखिर क्या है ?
आओ विश्व को सिखा दें ।।
✍️पी एल सेमवाल
एक पूर्व सैनिक व शिक्षक
मसरास, नैनबाग, टिहरी गढ़वाल
उत्तराखंड